Basement Waterproofing Methods India: अगर आप बेसमेंट की वाटर प्रूफिंग करना चाहते है और सीखना भी चाहते कि भारत में किस तरह से बेस्टमेंट की वाटरप्रूफिंग की जाती है, क्या क्या केमिकल लगाए जाते है और किस तरह से केमिकल को मिलाया जाता है।
केमिकल को लगाने के लिए किन उपकरण की जरूरत पड़ती है तो आज आपको Basement Waterproofing की पूरी जानकारी यहां मिलने वाली है। इस लेख को अंत तक और ध्यान से जरूर पढ़ना क्योकि कोई भी लाइन छोड़ने की वजह से आप वाटरप्रूफिंग करने के तरीके को अच्छे नहीं समझ पाएंगे।
वैसे तो सभी को पता है कि Basement Waterproofing क्यों कि जाती है फिर भी हम आपको कुछ कारण बता देते है क्यों आपको बेसमेंट की वाटरप्रूफिंग करनी चाहिए। यदि आप बेसमेंट में वाटरप्रूफिंग नहीं करवाते है तो आपकी सभी दीवारे हमेशा के लिए सीलन भरी रहेंगी (Damp ) और आपकी दीवारों में फंगस, फफूंदी, सफ़ेद धब्बे, पेंट प्लास्टर का झड़ना और न जाने क्या क्या परेशानी होंगी।
बसमेंट की वाटरप्रूफिंग कराने का सबसे बड़ा कारण RCC को बचाना है यदि आपकी बेसमेंट की दीवार में नमी आ जाये तो कंक्रीट में लगी हुई सरिया जंग पकड़ने में देर नहीं लगाती। इसके बाद आप अच्छी तरह जानते है सरिया जंग पकड़ने के बाद उसका क्या हल होता है और व्ही आपके मकान का भी होगा।
Basement Waterproofing Methods India
भारत में कई प्रकार से Basement Waterproofing जाती है परन्तु हम आपको सिर्फ एक वह तरीका बताएंगे जिससे आप किसी भी जगह वाटरप्रूफिंग करने के लिए इस्तमाल कर सकते है और यह तरीका हमेशा के लिए कारगर होता है। हम यहां पर बात कर रहे है इंजेक्शन ग्राउटिंग वाटरप्रूफिंग की।
बेसमेंट के लिए इंजेक्शन ग्राउटिंग वाटरप्रूफिंग सबसे महत्वपूर्ण है। अगर आप बेसमेंट में इंजेक्शन ग्राउटिंग नहीं करवाते है तो कभी भी आप बेसमेंट को वाटरप्रूफ नहीं कर पाएंगे। एक से दो साल बाद आपका बेसमेंट पूरी तरह सीलन से भर जाएंगे और दीवारों से पानी टपकने लगेगा।
- पुरे बसेमेंट को अच्छे से साफ करें।
- जितनी भी जगह पर कंक्रीट डालने के बाद जॉइंट बने है वहां पर 0.75m पर ड्रिल मशीन से हॉल करें।
- सभी हॉल अल्टरनेटिव होने चाहिए।
- यदि बेसमेंट की दीवार (कंक्रीट वाल ) की मोटाई 230mm है तो 200 mm से अधिक होल की गहराई नहीं होनी चाहिए।
- हॉल को हवा मशीन (Blower ) की मदद से साफ करे।
- अब इंजेक्शन ग्राउटिंग की मशीन से हॉल में ग्राउटिंग केमिकल भरे।
- इंजेक्शन ग्राउटिंग में मानक दवाब (pressure ) होना चाहिए।
- सभी हॉल में अल्मुनियम पाइप जरूर डालें ताकि केमिकल अंदर आसानी से जा सके।
- ऐसा करने से कंक्रीट वाल में जितने भी क्रैक और छोटे छिद्र होंगे वो केमिकल से भर जायेंगे।
- सभी हॉल भरने के बाद सूखने के लिए 24 घंटे तक छोड़ दे।
- अगले दिन से वाटरप्रूफिंग की तैयारी करें।
Interior Waterproofing Basement Methods
बेसमेंट की अंदर से वॉटरप्रूफ करने के लिए आपको कोई भी वॉटरप्रूफिंग केमिकल ले लेना है। इसके बाद आपको वॉटरप्रूफिंग केमिकल में बताए गए, मिश्रण के हिसाब से उसके अंदर सीमेंट को मिलना है। यह सभी काम आपको इंजेक्शन ग्रूटिंग करने के बाद ही करना है। यदि आपने पहले बेसमेंट में इंजेक्शन ग्रांटिंग नहीं की है तो सबसे पहले आपको इंजेक्शन ग्रांटिंग का काम खत्म करना है। उसी के बाद आप वॉटरप्रूफ की प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं।
- वॉटरप्रूफिंग केमिकल में सीमेंट मिलने के बाद उसे अच्छी तरह से धीरे-धीरे हिलाएं गाढ़ा सॉल्यूशन बन जाने के बाद आपको पहले कोट सभी दीवारों पर लगाना है।
- पहला कोट लगाने के बाद सभी दीवारों पर fibermesh जाली चपकाएँ और उसके बाद एक और कोट लगाएं।
- अब वाटरप्रूफिंग केमिकल को सूखने के लिए छोड़ दे।
- अगले दिन एक और कोट लगाए यह कोट पहले कोट की दिशा से अलग दिशा में होना चाहिए।
- 8 से 10 सूखने के लिए छोड़ दे।
- बेसमेंट की जमीन के सभी कोने में मोर्टार से गोला बनाये और उसके ऊपर भी फिबेरमेश जाली और दो से तीन कोट लगाने है।
- अब पुरे बसमेंट को सूखने के लिए दो से तीन के लिए छोड़ दे।
- इस प्रकार से आपका बेसमेंट अच्छी तरह से वाटरप्रूफ हो जायेगा।
Exterior Basement Waterproofing Methods
बेसमेंट की दीवार में बाहर से वॉटरप्रूफ करने के लिए आपको बहुत सारे वॉटरप्रूफिंग केमिकल मिल जाएंगे। इन सभी केमिकल की मदद से आप बाहर की दीवार की वॉटरप्रूफ आसानी से कर सकते हैं। वॉटरप्रूफ करने के लिए आपको बाहर की दीवार को अच्छे से साफ कर लेना है और पूरी दीवार पर आपको वॉटरप्रूफिंग केमिकल का एक कोट लगाना है,
जिसे आप प्राइमर कोट भी कह सकते हैं। इसके बाद आपको फाइबर जाली चिपकाने के बाद एक और कोट लगाना है और इसे सूखने के लिए छोड़ देना है।
अगले दिन आपको फिर से दूसरा कोट लगाना हैऔर इस कोट को आप सूखने के लिए छोड़ दें , इस तरीके से आप बाहर की दीवार की वॉटरप्रूफ कर पाएंगे मार्केट में आपको और भी अलग-अलग तरह के वॉटरप्रूफिंग केमिकल मिल जाएंगे। जिसमें आपको फाइबर जाली लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आप प्लास्टिक पेंट वॉटरप्रूफ भी कर सकते हैं या फिर आप बाहर की दीवारों के लिए वॉटरप्रूफ ईपॉक्सी का भी प्रयोग कर सकते हैं। जिसकी वजह से पानी या फिर मिट्टी से आने वाली नामी आपकी दीवारों में नहीं आएगी। क्योंकि वॉटरप्रूफिंग केमिकल एक वाटर रेसिस्टेंट परत की तरह काम करता है जोकि पानी को अंदर घुसने नहीं देता।
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